First Impression is not the last impression
इतवारी विचार
First impression is never a real impression !!
जो व्यक्ति पहली बार में आपको ज्यादा प्रभावित करे , जान लें कि वह असली आदमी नही है ! असली आदमी पहली मुलाक़ात में प्रभावित नही करता ! उसका प्रभाव 4 - 6 मुलाकातों के बाद परिलक्षित होता है। और धीरे -धीरे बढ़ता है !
वहीं, नकली आदमी पहली मुलाक़ात में ही प्रभावित करता है ..लेकिन आगामी मुलाकातों के बाद उसका प्रभाव उतरने लगता है ! क्योंकि जिसके पास नकली माल है , वह जल्दी बेचता है ..और सब हथकंडे अपनाता है !
लेकिन जिसके पास असली माल है ..उसे बेचने की परवाह नही होती ! अव्वल तॊ वह असली खरीदार आने पर ही अपनी गठरी खोलता है ! चाहे वह दुकानदार हो , इंश्योरेंस वाला हो , कोई स्कीम वाला हो, बिजनेसमैन , धर्म गुरु या फिर विशेष प्रतिभावान व्यक्ति !!
असली-नकली आदमी की परख "Love at first sight " जैसा मामला नही है !
लकदक मंच , भव्य साज-सज्जा , बड़े आश्रमों में बहुधा नकली बाबा मिलते हैं ..जो डेकोरम और चकाचौंध से आपको वशीभूत कर लेना चाहते हैं !
असली आदमी आपको बड़े आश्रमों में नही, बल्कि कहीं चाय के टपरे पर , किसी पुलिया पे , नदी के घाट पर , या ट्रेन की स्लीपर क्लास में धीरे से टकरा जाएगा !
उसे पहचान पाना ..आपकी नज़र के पैनेपन पर निर्भर करता है क्योंकि वह आपमें उत्सुक नही है ! उल्टे वह आपको बार-बार गच्चा दे जाएगा कि मैं असली आदमी नही हूं !
दूसरे यदि वह आपको प्रभावित भी करना चाहे तब भी बहुधा वह असफल ही रहता है क्योंकि ऐसे व्यक्तियों के पास अकसर प्रभावित करने की कला नहीं पाई जाती !
दरअसल प्रकृति हर क़ीमती चीज़ के चारों तरफ़ एक डिफेंस बाऊंड्री बना कर रखती है !
महत्वपूर्ण चीज़ को छिपा कर रखना प्रकृति की व्यवस्था है ! सबसे अधिक लाभ देने वाले फल ..कठोर कवच में छिपे होते हैं !
मोती ..सीपी में, गिरी ..नारियल में ,
अखरोट , बादाम , पिस्ता के दाने भी रफ़ खोल के भीतर महफ़ूज़ रखे जाते हैं ! असली आदमी को पहचान पाना ..हर एक के बस की बात नही !
असली आदमी की खोज भी ..सत्य की खोज जैसी ही कठिन साधना है....!!
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